काल भैरव अष्टमी आज, जानें क्या है पूजा की सही विधि

By Tatkaal Khabar / 17-01-2020 03:13:48 am | 15388 Views | 0 Comments
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हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हर महीने कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन काल भैरव की उपासना की जाती है. कालभैरव भगवान शिव के ही अवतार माने जाते हैं. अपने भक्तों से प्रसन्न होकर काल भैरव उनकी नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करते हैं.

साल 2020 की पहली कालाष्टमी 17 जनवरी यानी आज पड़ रही है. कलियुग में काल भैरव की उपासना करने से शीघ्र फल मिलता है. आइए आपको बताते हैं कि काल भैरव को प्रसन्न कर मनचाहा फल पाने के लिए कालाष्टमी की पूजन विधि क्या होनी चाहिए.

काल भैरव की पूजा विधि-

-शिवजी के स्‍वरूप कहे जाने वाले काल भैरव की कालाष्टमी पर पूजा की जाती है.

- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत रखें.

- इसके बाद मंदिर में जाकर भगवान शिव या भैरव की आराधना करें

-शाम के वक्त भगवान शिव सहित माता पार्वती और भैरव की पूजा करें.

- भैरव को तांत्रिकों का देव कहा जाता है. यही वजह है कि उनकी पूजा रात को होती है.

-भैरव की पूजा करने के लिए धूप, दीपक, काले तिल, उड़द और सरसों के तेल से पूजा कर आरती करें.

-व्रत कोलने के बाद काले कुत्‍ते को मीठी रोटियां खिलाएं.

काल भैरव मंत्र-

ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नम:

कौन से संकट होंगे दूर?

काल भैरव की महिमा जिस किसी पर हो जाती है उन पर भूत, पिशाच और काल का साया कभी नहीं मंडराता