मन की बात:PM मोदी बोले , कहा- पर्व और पर्यावरण में गहरा नाता

By Tatkaal Khabar / 30-08-2020 08:53:19 am | 15426 Views | 0 Comments
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पर्व और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा नाता रहा है। आम तौर पर ये समय उत्सव का है। जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। जिससे कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं। देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है। गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम, बहुत बारीकी से अगर देखेंगे, तो एक बात अवश्य ध्यान में आएगी-हमारे पर्व और पर्यावरण। इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता रहा है। जहां एक ओर हमारे पर्वों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ सह जीवन का संदेश छिपा होता है तो दूसरी ओर कई सारे पर्व प्रकृति की रक्षा के लिए ही मनाए जाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने थारू आदिवासी समाज की बरना नामक परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार के पश्चिमी चंपारण में सदियों से थारू आदिवासी समाज के लोग 60 घंटे के लॉकडाउन, उनके शब्दों में 60 घंटे के बरना का पालन करते हैं। प्रकृति की रक्षा के लिए बरना को थारू समाज के लोगों ने अपनी परंपरा का हिस्सा बना लिया है और ये सदियों से है। इस दौरान न कोई गांव में आता है, न ही कोई अपने घरों से निकलता है और लोग मानते हैं कि अगर वो बाहर निकले या कोई बाहर आया, तो उनके आने-जाने से, लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों से नए पेड़-पौधों को नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, बरना की शुरूआत में भव्य तरीके से हमारे आदिवासी भाई-बहन पूजापाठ करते हैं और उसकी समाप्ति पर आदिवासी परंपरा के गीत, संगीत, नृत्य के कार्यक्रम भी होते हैं।