ऐसे केंद्रीय कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने के मूड में मोदी सरकार ....

By Tatkaal Khabar / 31-08-2020 03:05:37 am | 15626 Views | 0 Comments
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केंद्र की मोदी सरकार ऐसे केंद्रीय कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लेने के मूड में हैं, जिनकी उम्र 50 से 55 साल के बीच में हैं और उनकी परफॉर्मेंस कमजोर है. सरकार ऐसे कर्मचारियों की छुट्टी करने का मन बना चुकी है. इतना ही नहीं हर तीन महीने पर बाबूओं के काम की समीक्षा की जाएगी और उसमें कमी पाई जाती है या फिर काम संतोषजनक नहीं होता है, तो ऐसे बाबूओं की छुट्टी तय है. केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से शुक्रवार को सभी विभागों के लिए इस संबंध में एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया गया है.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, विभाग ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से 50 साल के अधिक उम्र के कर्माचारियों का एक रजिस्टर तैयार करने को कहा है. इस आदेश में आगे कहा गया है कि, सभी विभाग ऐसे कर्मचारियों के कमा की हर तीन महीने की समीक्षा करेंगे और यदि कोई कर्मचारी परफॉर्मेंस में कमजोर पाया जा सकता है तो फिर उसकी सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं.

केंद्र सरकार ऐसे कई कर्मचारियों को हटाने पर विचार कर रही है जिन्होंने 30 साल की सर्विस पूरी कर ली है और वो या तो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं या फिर उनकी परफॉर्मेंस कमजोर है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा मौलिक नियम (FR) 56 (J) और 56 (I) के तहत की जाती है, और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के नियम 48 (1) (B) के तहत भी, "सार्वजनिक हित में ऐसा करने के लिए आवश्यक होने पर" जो एक सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने के लिए उपयुक्त प्राधिकारी "पूर्ण अधिकार " देता है,".

हालांकि, यह साफ तौर पर कहा गया है कि इन नियमों के तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी को समयपूर्व सेवानिवृत्ति किया जाता है तो वो कोई दंड नहीं है. यह "अनिवार्य सेवानिवृत्ति" से अलग है, जो केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1965 के तहत निर्धारित दंडों में से एक है. शुक्रवार को जारी आदेश में कहा गया है कि सरकार किसी भी समय ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी उम्र 50/55 वर्ष की है  या फिर उन्होंने 30 वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें समय से पहले सार्वजनिक हित में सेवानिवृत्त कर दिया जाए.