चीन खिलौने बाज़ार से बाहर होने वाला है, क्योंकि पीएम मोदी भारत को खिलौने निर्माण का केंद्र बनाएंगे

By Tatkaal Khabar / 02-09-2020 02:55:29 am | 20288 Views | 0 Comments
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कई क्षेत्रों पर चीन को झटके देने के बाद अब केंद्र की मोदी सरकार भारत के खिलौना बाजार को चीन मुक्त बनाने की ओर कदम बढ़ा चुकी है। पीएम मोदी ने इसके लिए एक देशव्यापी अभियान की शुरुआत अपने “मन की बात” कार्यक्रम से की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के दौरान ‘दुनिया के लिए खिलौने’ बनाने की बात की और भारत को दुनिया का ‘खिलौना केंद्र’ यानी ‘टॉय हब’ बनाने की क्षमता पर प्रकाश डाला था। उन्होंने कहा, “हमारे देश में स्थानीय खिलौनों की समृद्ध परंपरा रही है। भारत में कई प्रतिभाशाली और कुशल कारीगर हैं जो अच्छे खिलौने बनाने में विशेषज्ञता रखते हैं। भारत के पास पूरी दुनिया के लिए खिलौने बनाकर एक खिलौना हब बनने की भरपूर क्षमता है।“

यानि अब भारत खिलौना निर्माण के मामले में आत्मनिर्भर होने की राह पर चल चुका है। पीएम मोदी ने स्थानीय कारीगरों, कंपनियों और नए स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने की बात कही और देश में बनने वाले खिलौनों की उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता दोनों को कई गुना बढ़ाने पर ज़ोर देते हुए एक क्रांति लाने की बात कही जिससे भारत दुनिया खिलौना केंद्र बन जाएगा।

ये आत्मनिर्भरता भारतीय लोगों में शुरुआती स्तर से ही आ जाए इसलिए नई शिक्षा नीति में भी इसे जगह दी गयी है। इस फैसले का उद्देश्य स्कूली बच्चों में खिलौना बनाने के स्किल और जानकारी बढ़ाने का है। NEP 2020 के तहत खिलौना बनाने वाले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए छठी कक्षा से खिलौना बनाने का पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। वहीं स्थानीय खिलौने बनाने जैसे लोक-शिल्पों को Vocational Courses का हिस्सा बनाया जाएगा।  इससे इस क्षेत्र में और दक्षता आएगी और भारत में बनने वाले खिलौनों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

नई शिक्षा नीति के तहत, छात्रों को खिलौना निर्माण करने वाले कारखानों और उनकी निर्माण इकाइयों में भी ले जाया जाएगा, जहां वो खिलौनों के इतिहास, उन्हें बनाने के लिए आवश्यक कौशल और बनने की प्रक्रिया से ले कर खिलौना बनाने के लिए जरूरी साधनों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे।

साइट विज़िट के अलावा यह विषय नियमित रूप से सभी प्रकार के स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ाया जाएगा। NEP 2020 के तहत, छात्रों को खिलौनों के लिए नए डिजाइन और विचारों उकेरने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे उनके अंदर देश के प्रति गर्व की भावना पैदा हो सके।