छठे बड़ा मंगल पर लगे नारे- जय जय जय बजरंग बली तोड़ दे दुश्मन की नली

By Tatkaal Khabar / 05-06-2018 04:28:08 am | 17225 Views | 0 Comments
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आज जेठ महीने के छठे बड़े मंगल पर एक बार फिर से राजधानी लखनऊ के मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा। पूरे शहर में जगह-जगह भंडारे लगाए गए। कहीं पर पूड़ी सब्जी कड़ी, कढ़ी चावल कहीं छोले-राजमा चावल तो कहीं पर चाट पकौड़े बांटे गए। इस उमस भरी गर्मा पर लोगों को ठंडा शर्बत भी पिलाया गया। अलीगंज के नए हनुमान मंदिर में चार हजार केसरिया गुझिया और ढाई कुंतल लड्डू प्रसाद के तौर पर बांटे गए। प्रसाद के तौर पर भक्तों को केसरिया गुझियां दी गई। इसके साथ बेसन और बूंदी के लड्डू भी तैयार करवाए गए थे। 7 कुंतल फूलों से मंदिर की सजावट की जाएगी।वहीं, मंदिर परिसर में नि:शुल्क होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही अमीनाबाद हनुमान मंदिर, छांछी कुआं, लेटे हुए हनुमान मंदिर, सदर हनुमान मंदिर, हजरतगंज स्थित दक्षिणी मुखी हनुमान मंदिर सहित कई मंदिरों में बजरंग बली के गाने बजते रहे। बड़ा मंगल को लेकर कई तरह की दंतकथाएं हैं।Related imageकोई कहता है कि मुगल नवाब बेहद बीमार था। उसकी बेगम को सपने में हनुमान जी आए और पूजा करने को कहा। बुतपरस्ती का विरोध करनेवाले मजहब की बेगम ने शौहर की सेहत खातिर पूजा की और वो ठीक हो गए। वो जेठ का महीना था। बेगम ने हनुमान जी की मंदिर बनवाई और लोगों को दावत दी। तब से ये सिलसिला चल पड़ा। एक कहानी ये भी है कि हनुमान जी आज भी जीवित है और लखनऊ के अलीगंज में वास करते हैं। अलीगंज के पुराने मंदिर के एक पुजारी को रात को सपना आया। सपने में देखा कि जमीन के नीचे हनुमान जी की मूर्ति है। दूसरे दिन उसे खुदाई की तो सच में मूर्ति निकली। मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर प्रसाद बांटे गए। एक कहानी ये है कि श्रीराम के अंतर्ध्यान होने के बाद लक्ष्मण जी हुनमान जी को लेकर लक्ष्मणपुरी यानी लखनऊ आए और यहीं वास करने का आग्रह किया। तब से हनुमान जी लखनऊवा होकर यही रह गए। उनके स्थायी वास की खुशी में लक्ष्मण जी ने लोगों को भोजन कराया। तब से बड़ा मंगल को लोगों को खिलाने-पिलाने की परंपरा पड़ गई।