155 देशों की नदियों का जल पहुंचा अयोध्या, रामलला का होगा जलाभिषेक
अयोध्या में रामलला जल्द ही भव्य राम मंदिर में स्थापित हो जायेंगे . ये कोई सपना नहीं था बल्कि सच है जिसे कई सालों से भक्तों ने खुली आंखों से देखा था. बस इंतजार था तो इस तारीख का. जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपना टेंट छोड़ कर भव्य राम मंदिर में विराजमान होंगे. राम मंदिर का सपना साकार हो चुका है. नींव पड़ चुकी है, गुम्बद तैयार हो चुके हैं, शिलाओं पर जय श्रीराम लिखा जा चुका है. बस अब इंतजार है तो रामलला के मंदिर में विराजमान होने के.
2024 के शुरुआत में लाखों भारतीयों का ये सपना पूरा होने जा रहा है. इसी कड़ी में रामजन्म भूमि के जलाभिषेक की तैयारी की जा रही है. राम मंदिर भव्य है तो जलाभिषेक भी भव्य होगा. इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 23 अप्रैल को 155 देशों की नदियों के जल से रामलला का जलाभिषेक करेंगे. जलाभिषेक के लिए 155 देशों का जल अयोध्या पहुंच चुका है. अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन पर 155 देशों के जल का भव्य स्वागत किया गया. आरएसएस के प्रचारक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में 155 देशों का जल अयोध्या पहुंचा है. अयोध्या रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही जय श्रीराम के नारे लगे और -लोगों ने नाचते-गाते अयोध्या में प्रवेश किया.
3 साल पहले शुरू किया गया था काम
155 देशों से जल लाने का काम आज से नहीं 3 साल पहले यानी की 2020 में ही शुरू किया गया था. अब जब दुनिया भर के 155 देशों का जल इकट्ठा हो गया है तो अब रामजन्म भूमि का जलाभिषेक किया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ 23 अप्रैल को मनीराम दास छावनी सभागार में ‘जल कलश’ की पूजा करेंगे.
इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली स्टडी ग्रुप ने किया है. चाहे हिंदू देश हो या फिर मुस्लिम या फिर ईसाई लगभग सभी देशों के नदियों का जल अयोध्या लाया गया है और अब सभी जलों से रामलला का जलाभिषेक किया जाएगा. यहां तक कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की नदियों का जल भी अयोध्या लाया गया है. सिर्फ पाकिस्तान और रूस ही नहीं फ्रांस, जर्मनी, जॉर्जिया, स्विट्जरलैंड, इटली, इराक, कनाडा जैसे कुल मिलाकर 155 देशों से जल लाया गया है. इस कार्यक्रम में देश ही नहीं विदेशों के भी राजनयिक, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं के साथ गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है.