बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना की उलटी गिनती शुरू, छोड़ा ढाका, सुरक्षित स्थान पहुंची

By Tatkaal Khabar / 05-08-2024 09:39:34 am | 2512 Views | 0 Comments
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बांग्लादेश में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया है। हसीना ने किसी सुरक्षित स्थान पर पनाह ली है। इस बीच इंटरनेट को पूरी तरह बंद दिया गया है। सरकार ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’, ‘मैसेंजर’, ‘व्हॉट्सऐप’ और ‘इंस्टाग्राम’ को बंद करने का भी आदेश दिया है। इससे एक दिन पहले बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़पें हुईं। इन झड़पों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। झड़पें रविवार की सुबह हुईं जब प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के परचम तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। 

बांग्लादेश में हो रहे इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है. आरक्षण के विरोध में शुरू हुआ ये प्रदर्शन अब पूरी तरह से हिंसा में तब्दील हो चुका है. रविवार को हुई हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है. सड़कों पर उत्पात मचा रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने  के लिए पुलिस ने बल का प्रयोग किया. इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया. अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू किया गया हैशेख हसीना के बेटे ने देश के सुरक्षाबलों से आग्रह किया है कि वे संभावित तख्तापलट के प्रयासों को सफल नहीं होने दें. इस बीच राजधानी ढाका सहित देशभर में सेना चीफ जनरल वकार-उज-जमान देश को संबोधित कर सकते हैं. देशव्यापी कर्फ्यू को दरकिनार कर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी लॉन्ग मार्च के लिए ढाका के बांग्लादेश के हालात ठीक वैसे ही बनते जा रहे हैं, जैसे कुछ समय पहले पाकिस्तान के थे. पाकिस्तान की तरह ही अंदरूनी कलह से जूझ रहे बांग्लादेश में लॉन्ग मार्च का आह्वान किया. छात्र नेताओं ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा की.