कल है गुरु पूर्णिमा की तिथ‍ि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्‍व जानिए

By Tatkaal Khabar / 26-07-2018 09:17:17 am | 17603 Views | 0 Comments
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 आषाढ़ शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) कहते हैं. इसी दिन महाभारत और चार वेदों के रचयिता महर्षि  कृष्‍ण द्वैपायन व्‍यास यानी कि महर्षि वेद व्‍यास का जन्‍म हुआ था. इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्‍यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा 27 जुलाई को है.



गुरु पूर्णिमा का महत्‍व 
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा का विधान है. दरअसल, गुरु की पूजा इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि उसकी कृपा से व्‍यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है. गुरु की महिमा अपरंपार है. गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्‍ति नहीं हो सकती. गुरु को तो भगवान से भी ऊपर दर्जा दिया गया है. इस दिन गुरु की पूजा की जाती है. पुराने समय में गुरुकुल में रहने वाले विद्यार्थी गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से अपने गुरु की पूजा-अर्चना करते थे. गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु में आती है. इस मौसम को काफी अच्‍छा माना जाता है. इस दौरान न ज्‍यादा सर्दी होती है और न ही ज्‍यादा गर्मी. इस मौसम को अध्‍ययन के लिए उपयुक्‍त माना गया है. यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा से लेकर अगले चार महीनों तक साधु-संत विचार-विमर्श करते हुए ज्ञान की बातें करते हैं. 

गुरु पूर्णिमा तिथि की और शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा तिथि: 27 जुलाई 2018
गुरु पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 26 जुलाई 2018 की रात 11 बजकर 16 मिनट
गुरु पूर्णिमा तिथि समाप्त: 27 जुलाई 2018 की रात 01 बजकर 50 मिनट


टिप्पणियांगुरु पूर्णिमा की पूजा विधि
हिन्‍दू धर्म में गुरु को भगवान से ऊपर दर्जा दिया गया है. गुरु के जरिए ही ईश्‍वर तक पहुंचा जा सकता है. ऐसे में गुरु की पूजा भी भगवान की तरह ही होनी चाहिए. गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्‍नान करने के बाद स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें. फिर घर के मंदिर में किसी चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनाएं. इसके बाद इस मंत्र का उच्‍चारण करें- 'गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये'.