राम मंदिर भूमि पूजन / नवरत्न जड़ित हरे रंग की पोशाक पहनेंगे भगवान राम

5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भव्य राम मंदिर का शिलान्यास होने जा रहा हैं। यह दिन अयोध्या में दिवाली की तरह मनाया जाना हैं और इसके लिए रामजन्मभूमि समेत अयोध्या के 25 प्रमुख स्थलों पर सवा लाख दीपक भी जलाए जाएंगे। 5 अगस्त को भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी चांदी की ईंट से मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास करेंगे। यह चांदी की ईंट अयोध्या पहुंच गई है।


इस खास मौके पर भगवान राम के बाल स्वरूप रामलला और उनके तीन भाई, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न सहित हनुमान जी को भी नई पोशाक पहनाई जाएगी। भूमि पूजन के दिन रामलला नवरत्न जड़ित पोशाक पहनेंगे। इनकी सिलाई का काम तेजी से चल रहा है। रामलला को हर दिन अलग-अलग रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं। रामलला को सोमवार के दिन सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरे, गुरुवार को पीले, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीले और रविवार को गुलाबी रंग के वस्त्र धारण कराए जाते हैं। पांच अगस्त को बुधवार का दिन पड़ रहा है। ऐसे में रामलला को हरे रंग का वस्त्र पहनाया जाएगा।
कई पीढ़ियों से रामलला के वस्त्रों की सिलाई करने वाले टेलर भागवत प्रसाद और शंकर ने कहा कि, प्रधानमंत्री बहुत ही शुभ दिन अयोध्या आ रहे हैं। टेलर भागवत प्रसाद कहते हैं कि प्रधानमंत्री बहुत ही शुभ दिन अयोध्या आ रहे हैं। यह दिन इतने लंबे इंतजार के बाद आया है। हमारे जन्म से पहले ही मंदिर के लिए संघर्ष शुरू हो गया था। पांच अगस्त को भगवान राम हरे रंग के मखमली वस्त्र पहनेंगे। जिस पर लाल और पीले रंग का बॉर्डर होगा। प्रमोद वन बड़ी कुटिया में बाबू लाल टेलर्स के नाम से शंकर लाल की दुकान है।
शंकर लाल का परिवार चार पीढ़ियों से रामलला के लिए वस्त्र की सिलाई करता आ रहा है। उन्होंने और उनके परिवार ने वह दौर भी देखा है जब रामलला ताला बंद मंदिर में थे। लंबे संघर्ष के बाद ताला खुला तो भगवान टाट में पहुंचे। अब पांच अगस्त से भगवान राम के लिए महल बनने का काम शुरू होगा तो यह पल भी शंकर लाल के लिए खास होगा। उन्होंने बताया कि भगवान राम और उनके भाइयों के लिए वस्त्र सिले जा रहे हैं। भागवत प्रसाद कहते हैं कि जीवन के सबसे सौभाग्यशाली समय है कि जिनके वस्त्र हमारे परिवार 1985 से सिलता आ रहा है, आज उन आराध्य प्रभु का मंदिर बनने जा रहा है।
रामादल के अध्यक्ष पंडित कल्किराम द्वारा ये वस्त्र तैयार कराए जा रहे हैं। जिसे वे रामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को सौंपेंगे। पंडित कल्किराम कहते हैं कि नवरत्नों से जुड़ी पोशाक को ऐसा बनाया जाएगा जो अब तक के इतिहास में कभी न बनी हो। बताया कि नवरत्नों की पोशाक के पीछे नवग्रहों का भी संयोग है, यह नवरत्न नवग्रहों के द्योतक हैं, भूमि पूजन के सुअवसर पर यह वस्त्र रामलला पहनेंगे तो सारी चीजें अनुकूल हो जाएंगी।