ब्रह्म मुहूर्त में भूलकर भी ना करें 4 गलती, जीवन पर पड़ सकता है नकारात्मक असर
सनातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को बेहद शुभ और पवित्र माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में उठता है, उसके जीवन में तरक्की के नए रास्ते खुलते चले जाते हैं. ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति सदैव निरोगी और उर्जावान बना रहता है. अक्सर अपने घर के बड़े-बुजुर्गों से सुना होगा कि मनुष्य को हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में ही उठना चाहिए. ब्रह्म मुहूर्त हिंदू धर्म में आध्यात्मिक और मानसिक रूप से सर्वोत्तम माना गया है, परंतु कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें ब्रह्म मुहूर्त में भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं, दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्डया.
कब से कब तक होता है ब्रह्म मुहूर्त
ज्योतिष विज्ञान के जानकार बताते हैं कि सुबह 4:00 बजे से सुबह 5:30 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त में गिना जाता है. ये दिन का सबसे अच्छा समय होता है और इसमें कुछ काम करना वर्जित होता है.
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1. नकारात्मक विचार
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में नकारात्मक विचार या बुरे ख्याल अपने मन में लाते हैं तो इसका असर व्यक्ति के पूरे दिन पर दिखाई देता है. ब्रह्म मुहूर्त में आने वाले नकारात्मक विचार से व्यक्ति पूरे दिन तनाव से घिरा रहता है.
2. ना करें किसी चीज का सेवन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी व्यक्ति को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भूलकर भी किसी भी तरह की खाद्य सामग्री का सेवन नहीं करना चाहिए.
3. ना करें दुर्व्यवहार
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में भूलकर भी किसी के साथ दुर्व्यवहार या किसी का अनादर नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपके जीवन में अनेक तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
4. ना करें ये गलती
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में भूल कर भी प्रणय संबंध नहीं बनाना चाहिए. इस समय आंख खुलते ही भगवान की भक्ति में लीन होना सर्वोत्तम माना गया है.
ब्रह्म मुहूर्त में करें इस मंत्र का जाप
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जैसे ही ब्रह्म मुहूर्त में आंख खुलती है. सबसे पहले अपने दोनों हाथों की हथेलियों को देखते हुए, “ओम कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वती, करमूले तु गोविंद प्रभाते कर दर्शनम्” मंत्र का जाप करना सर्वोत्तम माना गया है.