आखिर क्यों है किन्नरों की दुआओं का पौराणिक महत्त्व..

By Tatkaal Khabar / 07-06-2020 03:04:57 am | 17814 Views | 0 Comments
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किन्नरों को लेकर अक्सर हमारे समाज में एक जिज्ञासा बनी रहती है। किसी भी तरह के शुभ कार्य जैसे शादी-ब्याह, सन्तान उत्पति, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्यों के अवसर पर घरों में नेग मांगने आने वाले किन्नरों आते रहते है। कई लोगों के मन में अक्सर मन में यह सवाल उठता है कि आखिर ये कहां रहते हैं? इनके देवी-देवता कौन होते हैं? आखिर लोगों को आशीर्वाद देने की शक्ति उन्हें कहां से मिली और किसने दी? ऐसे कई सवाल हैं जो अक्सर हमारे मन में उठते हैं। इन सभी सवालों के जवाब जानने से पहले आइए जानते हैं कि क्या त्रेतायुग में भगवान राम के समय में भी इस पृथ्वी पर मौजूद थे किन्नर?राम से मिला था आशीर्वादमान्यता है कि प्रभु श्रीराम जब 14 वर्ष का वनवास काटने के लिए अयोध्या छोडऩे लगे, तब उनकी प्रजा और किन्नर समुदाय भी उनके पीछे-पीछे चलने लगे थे। तब श्रीराम ने उन्हें वापस अयोध्या लौटने को कहा। लंका विजय के पश्चात जब श्रीराम 14 साल वापस अयोध्या लौटे तो उन्होंने देखा बाकी लोग तो चले गए थे, लेकिन किन्नर वहीं पर उनका इंतजार कर रहे थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रभु श्रीराम ने किन्नरों को वरदान दिया कि उनका आशीर्वाद हमेशा फलित होगा। तब से बच्चे के जन्म और विवाह आदि मांगलिक कार्यो में वे लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।किन्नरों से न लें कभी बद्दुआकभी भी भूलकर किन्नर समुदाय की बद्दुआ मोल लें क्योंकि ऐसा होने पर तमाम तरह की विपत्ति का सामना करना पड़ता है। बुजुर्ग लोग भी बता गए हैं कि यदि आप खुश न कर सकें तो कभी उन्हें नाराज न करें। शास्त्रों के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किन्नरों का अपमान करता है या उनका मजाक उड़ाता है तो उसे अगले जन्म में किन्नर बनना पड़ता है और ऐसा ही अपमान सहना पड़ता है। यदि आपके घर या दुकान में किन्नर आए तो उसे अपनी क्षमता के हिसाब से दान करने के बाद बोलें फिर आइएगा।इन चीजों का करें दानयदि आपके वैवाहिक जीवन में दिक्कतें आ रही हैं और आप अपने अनमोल रिश्ते को पटरी में लाना चाहते हैं तो किन्नरों से जुड़ा यह उपाय आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। चूंकि किन्नरों को श्रृंगार का बहुत शौक होता है, ऐसे में उन्हें खुश करने के लिए सुहाग की सामग्री दान में दें। जीवनसाथी के साथ आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र और मेंहदी का दान भी कारगर माना गया है।इस उपाय से बढ़ता है धनयदि खूब मेहनत करने के बावजूद आपसे लक्ष्मी रूठी हुई हैं तो आप बुधवार वाले दिन किसी किन्नर के हाथ में पूजा की सुपारी के उपर सिक्का रखकर दान दें। यह उपाय धन के आगमन में आ रही सभी बाधाओं को दूर करके आपको सुख-समृद्धि प्रदान करेगा।