प्रधानमंत्री मोदी ने प्रयागराज में प्रदेश के 43 जनपदों के 202 विकास खण्डों के टेक होम राशन संयंत्रों का शिलान्यास किया
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनपद प्रयागराज में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के 43 जनपदों के 202 विकास खण्डों के टेक होम राशन संयंत्रों का शिलान्यास किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने 1.60 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों के बैंक खाते में 1,000 करोड़ रुपये की धनराशि का अन्तरण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की 1.01 लाख नवीन लाभार्थियों के खाते में 20 करोड़ रुपये की धनराशि का अन्तरण भी किया। कार्यक्रम के दौरान महिला सशक्तीकरण से सम्बन्धित योजनाओं पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रधानमंत्री जी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अंगवस्त्र एवं मां दुर्गा की प्रतिमा भेंटकर स्वागत किया।
प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन के प्रारम्भ में स्थानीय बोली में मां गंगा, मां यमुना, मां सरस्वती के पावन तट पर स्थित प्रयागराज की धरती को प्रणाम करते हुए कहा कि इस धरा पर धर्म, ज्ञान और न्याय की त्रिवेणी बहती है। तीर्थाें के तीर्थ में हमेशा एक अलग पवित्रता और ऊर्जा का एहसास होता है। हिन्दी के प्रसिद्ध आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि द्विवेदी जी प्रयागराज से बही साहित्य की सरस्वती के लम्बे समय तक सम्पादक रहे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मां गंगा, यमुना व सरस्वती की धरती हजारों साल से मातृ शक्ति की प्रतीक रही है। आज यह धरा नारी शक्ति के संगम की साक्षी बनी है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि मंच पर आने से पूर्व उन्होंने बैंकिंग काॅरेस्पाॅण्डेंट सखी (बी0सी0 सखी), महिला स्वयं सहायता से जुड़ी बहनों तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थी बेटियों से संवाद किया। इन सभी की आत्मविश्वास से भरी बातें ‘प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं होती’ की भांति है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास और महिला सशक्तीकरण का काम पूरा देश देख रहा है। आज उन्हें मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की एक लाख से अधिक लाभार्थी बेटियों के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर करने का सौभाग्य मिला है। यह योजना गांव-गरीब की बेटियों के भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रही है। उत्तर प्रदेश ने बैंकिंग काॅरेस्पाॅण्डेंट सखी का जो अभियान प्रारम्भ किया है, वह महिलाओं को रोजगार के अवसर के साथ ही उनके जीवन में बड़े बदलाव ला रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा डी0बी0टी0 के माध्यम से जो पैसा खाते में आता है, उसे निकालने के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं है। बी0सी0 सखी के माध्यम से गांव में घर पर ही मिल जाता है। बैंकिंग काॅरेस्पाॅण्डेंट सखी बैंक को गांव तक ले आयी है। बैंक सखियों का कार्य बहुत बड़ा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इन पर 75 हजार करोड़ रुपये के लेन-देन की जिम्मेदारी सौंपी है। यह बहन-बेटियां गांव में 75 हजार करोड़ रुपये का कारोबार कर रही हैं। पहले जिन बहन-बेटियों के अपने बैंक खाते भी नहीं थे, आज उनके पास डिजिटल बैंकिंग की ताकत है। उन्होंने कहा कि देश देख रहा है कि उत्तर प्रदेश में किस प्रभावी ढंग से कार्य हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में टेक होम राशन जच्चा-बच्चा को देने की तैयारी महिलाओं को सौंपी गयी है। यह राशन अब सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाएं स्वयं बनाएंगी। सालाना हजारों करोड़ रुपये का यह कार्य भी बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण है। इसके तहत आज टेक होम राशन के 202 संयंत्रों का शिलान्यास किया गया है। इससे किसानों और गांव की महिलाओं को बहुत लाभ होगा। महिला सशक्तीकरण के इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश की महिलाओं का जीवन बदलना प्रारम्भ हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को जो सहायता दे रही है, आज उन्हें इसकी किस्त के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की धनराशि ट्रांसफर करने का अवसर प्राप्त हुआ है। डबल इंजन की सरकार ने उत्तर प्रदेश की महिलाओं को जो सुरक्षा व सम्मान दिया, गरिमा बढ़ायी, वह अभूतपूर्व है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि माताओं, बहनों, बेटियों का जीवन पीढ़ियों को प्रभावित और निर्माण करने वाला होता है। एक बेटी की शिक्षा, सामथ्र्य तथा कौशल परिवार, समाज व राष्ट्र की दिशा तय करता है। इसलिए वर्ष 2014 में जब उन्होंने मां भारती के बड़े सपनों, बड़ी आकांक्षाओं को साकार करने का बीड़ा उठाया, तो सबसे पहले देश की बेटी को नया विश्वास देने, उन्हें सशक्त करने का प्रयास प्रारम्भ किया। इसके लिए बेटी के जन्म से लेकर महिला के जीवन चक्र की हर अवस्था के लिए योजनाएं बनायीं, अभियान चलाये। बेटियां कोख में ही न मर जाएं, उन्हें बचाने के लिए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के माध्यम से देश की चेतना को जगाने का प्रयास किया। इससे अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रसव के बाद मां बच्चे की शुरुआती देखरेख के साथ अपना काम जारी रख सकें, इसके लिए महिलाओं की छुट्टी को 06 महीने किया गया है। गर्भावस्था में गरीब परिवारों में मातृ स्वास्थ्य, चिन्ता का बहुत बड़ा कारण रहा है। इसके लिए गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पताल में प्रसव, गर्भावस्था में पोषण पर विशेष ध्यान दिया। प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के तहत गर्भावस्था के 5,000 रुपये महिलाओं के खाते में जमा किये जाते हैं, ताकि उनके उचित खान-पान का ध्यान रखा जा सके। अभी तक 02 करोड़ से अधिक बहनों को 10 हजार करोड़ रुपये प्रदान किये जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बेटियां ठीक से पढ़ाई कर सकें, उन्हें स्कूल न छोड़ना पड़े, इसलिए स्कूल में उनके लिए अलग से टाॅयलेट बनाना हो, गरीब से गरीब बेटियों को सैनेट्री पैड सुलभ कराना हो, हमारी सरकार पीछे नहीं रही। सुकन्या समृद्धि योजना के अन्तर्गत ढाई करोड़ बेटियों के खाते खोले गये। यह धनराशि बड़े होने पर उनके सपनों को पूरा कर सके, इसके लिए इस पर ब्याज दर भी ऊँची रखी गयी। स्कूल के बाद कैरियर, घर-गृहस्थी तक हर कदम पर महिलाओं के स्वास्थ्य, सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन में बड़ी संख्या में शौचालय, उज्ज्वला योजना में रसोई गैस कनेक्शन, नल से जल की उपलब्धता से उनके जीवन में सुविधा में वृद्धि के साथ ही गरिमा में भी बढ़ोत्तरी हुई है। आयुष्मान भारत योजना से सर्वाधिक लाभ महिलाओं को हुआ है। अस्पतालों में प्रसव हो या अन्य इलाज, पैसे के अभाव में अब उनके जीवन पर संकट नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज में हमेशा से माताओं-बहनों को सर्वाेपरि स्थान दिया गया है। हमारे यहां परम्परा में सदियों की व्यवस्था में घर और घर की सम्पत्ति पर पुरुषों का अधिकार समझा जाने लगा। हमारी सरकार इस असमानता को दूर कर रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इस योजना के अन्तर्गत आवास प्राथमिकता पर महिलाओं के नाम पर बनाये गये हैं। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों की संख्या में आवास बनाये गये हैं। इनमें से अधिकतर आवास महिलाओं के नाम पर हैं। जिन घरों में पीढ़ियों से महिलाओं के नाम पर कोई सम्पत्ति नहीं थी, वर्तमान में पूरा घर महिला के नाम पर है। यही महिलाओं का सशक्तीकरण एवं विकास है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की स्वामित्व योजना के अन्तर्गत देश भर में घरों के मालिकों को उसके कागजात ‘घरौनी’ दी जा रही है। इसके अन्तर्गत भी महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। आगामी कुछ वर्षाें में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार सर्वे कराकर घरौनी दिये जाने का कार्य पूरा कर लेगी। इसमें घर की महिलाओं, माताओं का नाम होगा। उन्होंने कहा कि रोजगार व आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उसमें भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है। मुद्रा योजना के अन्तर्गत गांव-गांव में गरीब परिवारों की नयी महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत दिये गये ऋण में से 70 प्रतिशत महिलाओं को प्रदान किये गये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दीनदयाल अन्त्योदय योजना के जरिये भी बहनों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह की बहनों को वे आत्मनिर्भर भारत की चैम्पियन मानते हैं। स्वयं सहायता समूह असल में राष्ट्र सहायता समूह है। इसलिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत वर्ष 2014 से पहले के 05 वर्ष में जितनी मदद दी गयी, बीते 07 वर्षाें में उसमें 13 गुना बढ़ोत्तरी की गयी है। पहले स्वयं सहायता समूहों को 10 लाख रुपये का ऋण बिना गारण्टी के उपलब्ध कराया जाता था। अब इसका दोगुना 20 लाख रुपये दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना काल खण्ड में गरीब परिवारों का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की गयी। महिलाएं रात की पाली में भी काम कर सकें, इसके लिए नियमों को आसान बनाने का कार्य किया गया है। खदानों में महिलाओं के काम करने पर बन्दिश हमारी ही सरकार ने हटायी है। सैनिक स्कूलों के दरवाजे बेटियों के लिए खोले गये हैं। हमारी सरकार महिला सम्बन्धी अपराधों में त्वरित सुनवाई के लिए करीब 700 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित कर चुकी है। मुस्लिम बहनों को उत्पीड़न और शोषण से बचाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून हमारी सरकार ने बनाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार बिना किसी भेदभाव के बेटियों के भविष्य को सशक्त करने के लिए निरन्तर काम कर रही है। पहले बेटों की शादी की उम्र कानूनन 21 साल थी लेकिन बेटियों के लिए यह उम्र 18 साल ही थी। बेटियां चाहती थीं कि उन्हें पढ़ाई-लिखाई के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिले, इसके लिए बेटियों की शादी की कानूनन उम्र 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है। 05 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में सड़कों पर माफिया राज था। बहन-बेटियों का सड़क पर निकलना मुश्किल, स्कूल-काॅलेज जाना मुश्किल था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उन गुण्डों को उनकी सही जगह पर पहुंचाया। आज उत्तर प्रदेश में सुरक्षा, अधिकार, सम्भावनाएं, व्यापार सब हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप नारी गरिमा सुनिश्चित करते हुए महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री जी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के माध्यम से आधी आबादी के प्रति दृष्टिकोण बदलने का जो कार्य किया है, उसके परिणाम हम सबके सामने हैं। प्रधानमंत्री जी ने मातृ वन्दना योजना, मिशन इन्द्रधनुष, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वामित्व योजना आदि के माध्यम से देश में महिलाओं को अधिकार सम्पन्न बनाया है। प्रदेश सरकार ने भी प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आधी आबादी के लिए सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न कार्यक्रम लागू किये हैं। इनमें से कुछ कार्यक्रमों की लाभार्थियों को आज प्रधानमंत्री जी द्वारा लाभान्वित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आधी आबादी जिस हक को पाने के लिए आजादी के बाद से तत्पर थी, वह अधिकार व सम्मान अब उसे मिल रहा है। वर्तमान में बैंकिंग काॅरेस्पाॅण्डेंट सखी के माध्यम से बहन और बेटियां गांव-गांव में बुजुर्गाें को गांव में ही बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करा रही हैं। बी0सी0 सखी द्वारा प्रधानमंत्री जी के जनधन खाते के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाएं पहुंचाने के सपने को साकार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाल विकास एवं पुष्टाहार के अन्तर्गत महिलाओं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषाहार प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा 202 टेक होम राशन संयंत्रों का शिलान्यास किया गया है। इन संयंत्रों की स्थापना से पोषाहार में होने वाली विसंगतियां और शिकायतें दूर होंगी। वर्ष 2017 में वर्तमान राज्य सरकार द्वारा कार्यभार ग्रहण किये जाने के बाद प्रधानमंत्री जी ने प्रदेश के कुछ जनपदों में महिला पुरुष अनुपात में विसंगति दूर करने के लिए केन्द्र सरकार की योजनाओं को पूरी तत्परता के साथ लागू करने के लिए कहा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंगानुपात की विसंगति दूर करने के लिए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के साथ ही भ्रूण हत्या रोकने के लिए मुखबिर योजना संचालित की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना भी लागू की गयी। इस योजना के अन्तर्गत बेटी के जन्म के साथ ही स्नातक तक की पढ़ाई के दौरान विभिन्न चरणों में 15 हजार रुपये की धनराशि प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया। महिला व पुरुष अनुपात को बेहतर करने में इन योजनाओं ने काफी मदद की।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि जहां नारी का आदर होता है, वहां देवता वास करते हैं। केन्द्र व प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने मातृ शक्ति के सम्मान को बढ़ाया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल, प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह), एम0एस0एम0ई0 मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री नीलिमा कटियार सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।