एयरहोस्टेज नीरजा भनोट ने आज के दिन अपनी जान देकर बचाई थी 359 लोगों की जान
आज ही के दिन 5 सितंबर 1986 की वो तारीख इतिहास में दर्ज हो गई। आतंकियों ने कराची के रास्ते मुंबई से अमेरिका जाने वाले विमान को हाईजैक कर लिया था। मुंबई से उड़ान भरने वाला विमान पैन एम फ्लाइट-73 कराची पहुंचते हुई हाईजैक हो गया था।
आतंकवादी सुरक्षाकर्मियों की वर्दी में विमान के अंदर घुस गए। विमान में घुसते ही अबू निदाल संगठन के आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर फ्लाइट को कब्जे में ले लिया। आतंकी इस विमान को इजरायल ले जाकर क्रैश कराना चाहते थे। उस समय विमान में 379 लोग मौजूद थे।
आतंकियों ने प्लेन की एयरहोस्टेस नीरजा भनोट से सभी यात्रियों का पासपोर्ट जमा करने को कहा। लेकिन नीरजा इस संकट की घड़ी में असाधारण हिम्मत का परिचय दिया। उन्होंने आतंकियों की धमकी को अनदेखी करते हुए विमान में सवार यात्रियों को आपातकालीन दरवाजे से बाहर निकालना शुरू किया। इस पर आतंकवादियों ने यात्रियों पर फायरिंग शुरू कर दी। इस गोलीबारी में नीरजा समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके बाद आतंकी फरार हो गए।
नीरजा को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सैनिक सम्मान से नवाजा गया। नीरजा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।